*।। श्रीहरि: ।।*
*जीभ से निरन्तर भगवान् का नाम लीजिये*
*भगवान ने कहा है--'सभी धर्मों का आश्रय छोड़कर केवल एकमात्र मेरी शरणमें चले आओ। फिर मैं तुम्हें सब पापों से मुक्त कर दूँगा, तुम चिन्ता मत करो।'*
*सर्वधर्मान् परित्यज्य मामेकं शरणं व्रज।*
*अहं त्वा सर्वपापेभ्यो मोक्षयिष्यामि मा शुचः।*
(गीता १८/६६)
*मन की कैसी भी अवस्था क्यों न हो, कोई परवा नहीं। केवल जीभ से निरन्तर भगवान का नाम लीजिये, फिर सारी जिम्मेवारी भगवान् सँभाल लेंगे। केवल जीभ से नाम-स्मरण--और कोई शर्त नहीं।*
*चाहे मन लगे या न लगे, यदि भगवान का नाम जीभ से निरन्तर लेने लग जाइयेगा, तो फिर न तो कोई शंका उठेगी, न कोई चाह रहेगी। थोड़े ही दिनों में शान्ति का अनुभव करने लगियेगा।*
*इससे सरल उपाय कोई नहीं है। पूर्व के पापों के कारण नाम लेने की इच्छा नहीं होती। एक बार हठ से निरन्तर नाम लेने का नियम लेकर ४-६ महीने बैठ जायेंगे, तो फिर किसी से कुछ भी पूछने की जरूरत नहीं रहेगी। स्वयं सत्य वस्तु का प्रकाश मिलने लगेगा, संदेह मिटने लगेंगे।*
*इस प्रकार जिस दिन भजन करते-करते सर्वथा शुद्ध होकर भगवान को चाहियेगा उसी क्षण भगवान से मिलकर कृतार्थ हो जाइयेगा।*
*।। जय श्रीकृष्ण🙏 ।।*
