घोर कलयुग आ गया है आज इंसानियत भी शर्मसार है

पद्मश्री से सम्मानित श्रीनाथ खंडेलवाल जी जिनकी 80 करोड़ की संपत्ति थी

सैकड़ों किताबें लिखीं लोगों को जीने की राह दिखाई वही बुजुर्ग वृद्धाश्रम में अकेले मर गए।

सोचिए, जिन बच्चों के लिए उन्होंने सब कुछ किया
वही बेटे-बेटी उनकी मौत की खबर सुनकर भी नहीं आए
ना अंतिम दर्शन, ना कंधा, बस "हम व्यस्त हैं" कह दिया

उनके बच्चों ने सारी जायदाद हड़प ली, और बीमार पिता को सड़क पर छोड़ दिया।

फिर समाजसेवी लोग उन्हें वृद्धाश्रम लेकर गए, जहां उनकी सेवा होती रही।

पर मरते दम तक कोई अपना हाल पूछने नहीं आया।

जब उनकी मौत हुई, तो समाज के लोगों ने चंदा जुटाकर उनका अंतिम संस्कार किया।
और जिन बच्चों को उनकी संपत्ति चाहिए थी, उन्हें पिता के लिए वक्त नहीं मिला।

सच कहा गया है —
“पुत कपूत तो का धन संचय, पुत सपूत तो का धन संचय।”

सलाम उन समाजसेवियों को जिन्होंने इंसानियत निभाई,
और शर्म उन औलादों पर जिन्होंने पिता के प्यार की कद्र नहीं की।

#pita #father #Oldage #life #kaliyug #scrolllink
घोर कलयुग आ गया है आज इंसानियत भी शर्मसार है पद्मश्री से सम्मानित श्रीनाथ खंडेलवाल जी जिनकी 80 करोड़ की संपत्ति थी सैकड़ों किताबें लिखीं लोगों को जीने की राह दिखाई वही बुजुर्ग वृद्धाश्रम में अकेले मर गए। सोचिए, जिन बच्चों के लिए उन्होंने सब कुछ किया वही बेटे-बेटी उनकी मौत की खबर सुनकर भी नहीं आए ना अंतिम दर्शन, ना कंधा, बस "हम व्यस्त हैं" कह दिया 😡 उनके बच्चों ने सारी जायदाद हड़प ली, और बीमार पिता को सड़क पर छोड़ दिया। फिर समाजसेवी लोग उन्हें वृद्धाश्रम लेकर गए, जहां उनकी सेवा होती रही। पर मरते दम तक कोई अपना हाल पूछने नहीं आया। जब उनकी मौत हुई, तो समाज के लोगों ने चंदा जुटाकर उनका अंतिम संस्कार किया। और जिन बच्चों को उनकी संपत्ति चाहिए थी, उन्हें पिता के लिए वक्त नहीं मिला। सच कहा गया है — “पुत कपूत तो का धन संचय, पुत सपूत तो का धन संचय।” सलाम उन समाजसेवियों को जिन्होंने इंसानियत निभाई, और शर्म उन औलादों पर जिन्होंने पिता के प्यार की कद्र नहीं की। #pita #father #Oldage #life #kaliyug #scrolllink
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