जो भी लोग सनातन धर्म के परिचय के नाम पर ३३ करोड़ देवताओं के अस्तित्व का निषेध करें , उनको सौरपुराण का यह वचन दिखायें-
अथोपविश्य सुरराट्...
सहस्रानुचराणां च देवतानां महौजसाम् ।
निर्जराणां त्रयस्त्रिंशत्कोटिभिः 👈🏻 परिवारितः ।।
~सौरपुराणम् ५०।०२
देवराज इन्द्र उत्कृष्ट आसन पर बैठकर हजारों अनुचर वर्ग के साथ जरा- विहीन महातेजस्वी ३३ करोड़ देवताओं से घिरे थे ।
(यद्यपि अन्यत्र शास्त्रों में भी अनेक वचन हैं ।)
अथोपविश्य सुरराट्...
सहस्रानुचराणां च देवतानां महौजसाम् ।
निर्जराणां त्रयस्त्रिंशत्कोटिभिः 👈🏻 परिवारितः ।।
~सौरपुराणम् ५०।०२
देवराज इन्द्र उत्कृष्ट आसन पर बैठकर हजारों अनुचर वर्ग के साथ जरा- विहीन महातेजस्वी ३३ करोड़ देवताओं से घिरे थे ।
(यद्यपि अन्यत्र शास्त्रों में भी अनेक वचन हैं ।)
जो भी लोग सनातन धर्म के परिचय के नाम पर ३३ करोड़ देवताओं के अस्तित्व का निषेध करें , उनको सौरपुराण का यह वचन दिखायें-
अथोपविश्य सुरराट्...
सहस्रानुचराणां च देवतानां महौजसाम् ।
निर्जराणां 👉 त्रयस्त्रिंशत्कोटिभिः 👈🏻 परिवारितः ।।
~सौरपुराणम् ५०।०२
देवराज इन्द्र उत्कृष्ट आसन पर बैठकर हजारों अनुचर वर्ग के साथ जरा- विहीन महातेजस्वी ३३ करोड़ देवताओं से घिरे थे ।
(यद्यपि अन्यत्र शास्त्रों में भी अनेक वचन हैं ।)

