यदि आप भी देशज विधि के अनुसार सभी पितरों का श्राद्ध एक साथ संपन्न करना चाहते हैं तो आज का पूरा दिवस और संध्या केवल पितरों के लिए है। कैसे करें सर्वपितृ श्राद्ध की तैयारी?
१) सबसे पहले स्नान करें। फिर अपनी रसोई को भी साफ़ करें व पवित्र करें। फिर पूरी शुद्धता के साथ अपने पितरों के लिए भोजन पकाएं। उदहारण
-घी लगी रोटी
- चावल
- दाल
- सब्जी
- मीठा जैसे खीर या हलवा
- फल जैसे सेब, आम, केला आदि
- पुष्प
- दूर्वा अथवा कुशा
- 18 पत्ते (किसी भी पवित्र वृक्ष के हो सकते हैं जिन पर भोजन परोसा जा सके)
- 2 थालियां खाली व एक पूजा की थाली जिसमें धूप, दीप, आचमनी, गंगाजल या हिमजल, कुमकुम या हल्दी, अक्षत, घंटी, एक लोटा जल, मौली आदि होनी चाहिए।
- एक शिवलिंग अथवा त्रिशूल, अपने गुरु की प्रतिमा अथवा कोई प्रतीक चिन्ह
-सर्वपितृ यन्त्र मंडल
२) अपने लिए साफ़ वस्त्र रखें जब श्राद्ध करना हो तभी उनको धारण करें।
३) एक वस्त्र का टुकड़ा सफेद या पीला, ताम्बे का लोटा, एक कटोरी, जो इस लोटे को ढक दे, पीपल या आम का पत्ता।
४) थोड़ी सी दक्षिणा आदि
ये सारी सामग्री पहले तैयार कर लें।
अपने पास एक रुद्राक्ष की माला अवश्य रखें।
पूजन का साधारण मंत्र: ॐ सर्व पितृभ्यो नम:
#shraddh #sarvaPitriShraddh #kulachar #kulantpeeth #deshajVidhi #scrolllink #IKSVP
१) सबसे पहले स्नान करें। फिर अपनी रसोई को भी साफ़ करें व पवित्र करें। फिर पूरी शुद्धता के साथ अपने पितरों के लिए भोजन पकाएं। उदहारण
-घी लगी रोटी
- चावल
- दाल
- सब्जी
- मीठा जैसे खीर या हलवा
- फल जैसे सेब, आम, केला आदि
- पुष्प
- दूर्वा अथवा कुशा
- 18 पत्ते (किसी भी पवित्र वृक्ष के हो सकते हैं जिन पर भोजन परोसा जा सके)
- 2 थालियां खाली व एक पूजा की थाली जिसमें धूप, दीप, आचमनी, गंगाजल या हिमजल, कुमकुम या हल्दी, अक्षत, घंटी, एक लोटा जल, मौली आदि होनी चाहिए।
- एक शिवलिंग अथवा त्रिशूल, अपने गुरु की प्रतिमा अथवा कोई प्रतीक चिन्ह
-सर्वपितृ यन्त्र मंडल
२) अपने लिए साफ़ वस्त्र रखें जब श्राद्ध करना हो तभी उनको धारण करें।
३) एक वस्त्र का टुकड़ा सफेद या पीला, ताम्बे का लोटा, एक कटोरी, जो इस लोटे को ढक दे, पीपल या आम का पत्ता।
४) थोड़ी सी दक्षिणा आदि
ये सारी सामग्री पहले तैयार कर लें।
अपने पास एक रुद्राक्ष की माला अवश्य रखें।
पूजन का साधारण मंत्र: ॐ सर्व पितृभ्यो नम:
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यदि आप भी देशज विधि के अनुसार सभी पितरों का श्राद्ध एक साथ संपन्न करना चाहते हैं तो आज का पूरा दिवस और संध्या केवल पितरों के लिए है। कैसे करें सर्वपितृ श्राद्ध की तैयारी?
१) सबसे पहले स्नान करें। फिर अपनी रसोई को भी साफ़ करें व पवित्र करें। फिर पूरी शुद्धता के साथ अपने पितरों के लिए भोजन पकाएं। उदहारण
-घी लगी रोटी
- चावल
- दाल
- सब्जी
- मीठा जैसे खीर या हलवा
- फल जैसे सेब, आम, केला आदि
- पुष्प
- दूर्वा अथवा कुशा
- 18 पत्ते (किसी भी पवित्र वृक्ष के हो सकते हैं जिन पर भोजन परोसा जा सके)
- 2 थालियां खाली व एक पूजा की थाली जिसमें धूप, दीप, आचमनी, गंगाजल या हिमजल, कुमकुम या हल्दी, अक्षत, घंटी, एक लोटा जल, मौली आदि होनी चाहिए।
- एक शिवलिंग अथवा त्रिशूल, अपने गुरु की प्रतिमा अथवा कोई प्रतीक चिन्ह
-सर्वपितृ यन्त्र मंडल
२) अपने लिए साफ़ वस्त्र रखें जब श्राद्ध करना हो तभी उनको धारण करें।
३) एक वस्त्र का टुकड़ा सफेद या पीला, ताम्बे का लोटा, एक कटोरी, जो इस लोटे को ढक दे, पीपल या आम का पत्ता।
४) थोड़ी सी दक्षिणा आदि
ये सारी सामग्री पहले तैयार कर लें।
अपने पास एक रुद्राक्ष की माला अवश्य रखें।
पूजन का साधारण मंत्र: ॐ सर्व पितृभ्यो नम:
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