"कौल तंत्र" हिमालय का, उत्तर भारत का प्रसिद्ध रहस्य तंत्र है जिसे सम्पूर्ण पृथ्वी जैसे माया सभ्यता, मिस्र की सभ्यता, बुद्धिस्ट तंत्र, जैन तंत्र, इस्लामिक तंत्र, यहूदी तंत्र सहित, वूडू तंत्र आदि सभी तंत्रों का जनक माना जाता है। "कौल तंत्र" वाम मार्ग के कारण बदनाम हुआ और वासना के, धन के लोभियों नें व ढोंगियों, पाखंडियों नें इसे नष्ट होने के कगार पर पहुंचा दिया। लेकिन वास्तविकता कुछ और ही है। आज भी यदि आप इस तंत्र मत को परम्परा अनुसार जाने, तो हैरान रह जायेंगे की आज का विज्ञान भी जो सोच नहीं रखता। वो "कौल तंत्र" के पास है। हम यहाँ इसका विस्तार नहीं दे रहे। केवल आपको प्रेरित करना ही उद्देश्य है। ताकि आप हमारे कहने पर नहीं, बल्कि अपने आप खोज कर भारत की महान परम्परा को जान सकें। जिसका कायल सारा संसार युगों से रहा है ।

"कौल कुल" को श्रेष्ठ कुल कहा जाता है। इस कुल की विशेषता ये है की ये अपने रहस्यों को प्रकट नहीं करता। यदि साधक धैर्य रखता है। गुरु की अनूठी और अबूझ परीक्षाओं को उत्तीर्ण करता है तो साधक को मिलता है मनुष्य जीवन का सबसे बड़ा पुरूस्कार यानि ६४ कला संपन्न होना। इसी कारण "कौल मत" को "महाहिन्दू" मत भी कहा जता है। "कौल संप्रदाय" सिद्धों पर आधारित होता है। जो इतने रहस्यमय और मायावी होते है की उनके साथ रहने वाले और जीने वाले भी उनको नहीं जानते। कौल सिद्धों का मंत्र आपकी पात्रता का निर्माण करता है। इस लिए लगातार जप ही सिद्धि देने वाला होता है। ऐसा कहा गया है । - कौलान्तक पीठ हिमालय
"कौल तंत्र" हिमालय का, उत्तर भारत का प्रसिद्ध रहस्य तंत्र है जिसे सम्पूर्ण पृथ्वी जैसे माया सभ्यता, मिस्र की सभ्यता, बुद्धिस्ट तंत्र, जैन तंत्र, इस्लामिक तंत्र, यहूदी तंत्र सहित, वूडू तंत्र आदि सभी तंत्रों का जनक माना जाता है। "कौल तंत्र" वाम मार्ग के कारण बदनाम हुआ और वासना के, धन के लोभियों नें व ढोंगियों, पाखंडियों नें इसे नष्ट होने के कगार पर पहुंचा दिया। लेकिन वास्तविकता कुछ और ही है। आज भी यदि आप इस तंत्र मत को परम्परा अनुसार जाने, तो हैरान रह जायेंगे की आज का विज्ञान भी जो सोच नहीं रखता। वो "कौल तंत्र" के पास है। हम यहाँ इसका विस्तार नहीं दे रहे। केवल आपको प्रेरित करना ही उद्देश्य है। ताकि आप हमारे कहने पर नहीं, बल्कि अपने आप खोज कर भारत की महान परम्परा को जान सकें। जिसका कायल सारा संसार युगों से रहा है । "कौल कुल" को श्रेष्ठ कुल कहा जाता है। इस कुल की विशेषता ये है की ये अपने रहस्यों को प्रकट नहीं करता। यदि साधक धैर्य रखता है। गुरु की अनूठी और अबूझ परीक्षाओं को उत्तीर्ण करता है तो साधक को मिलता है मनुष्य जीवन का सबसे बड़ा पुरूस्कार यानि ६४ कला संपन्न होना। इसी कारण "कौल मत" को "महाहिन्दू" मत भी कहा जता है। "कौल संप्रदाय" सिद्धों पर आधारित होता है। जो इतने रहस्यमय और मायावी होते है की उनके साथ रहने वाले और जीने वाले भी उनको नहीं जानते। कौल सिद्धों का मंत्र आपकी पात्रता का निर्माण करता है। इस लिए लगातार जप ही सिद्धि देने वाला होता है। ऐसा कहा गया है । - कौलान्तक पीठ हिमालय
Love
Like
wow
9
4 Комментарии 0 Поделились 181 Просмотры 0 предпросмотр