#RSS को प्रतिबंधित करने और उसकी गतिविधियों पर रोक लगाने के कर्नाटक की कांग्रेस सरकार के षडयंत्र को हाई कोर्ट ने नाकाम कर दिया। कोर्ट ने सरकार को फटकार लगाते हुए पूछा कि ये संवैधानिक अधिकार किसने दिया ?
कोर्ट के आदेश के बाद संघ प्रार्थना की ये पंक्तियां बरबस ही याद आ गईं :

"विजेत्री च नः संहता कार्यशक्तिर्, विधायास्य धर्मस्य संरक्षणम्। परं वैभवं नेतुमेतत् स्वराष्ट्रं, समर्था भवत्वाशिषा ते भृशम्॥"

इसका अर्थ है ;
संगठन की एकता और विजय शक्ति को देश के धर्म की रक्षा करने और राष्ट्र को उसके सर्वोच्च गौरव तक पहुँचाने में सक्षम बनाया जाए।

#RSS #ban #bharat #freedom #scrolllink
#RSS को प्रतिबंधित करने और उसकी गतिविधियों पर रोक लगाने के कर्नाटक की कांग्रेस सरकार के षडयंत्र को हाई कोर्ट ने नाकाम कर दिया। कोर्ट ने सरकार को फटकार लगाते हुए पूछा कि ये संवैधानिक अधिकार किसने दिया ? कोर्ट के आदेश के बाद संघ प्रार्थना की ये पंक्तियां बरबस ही याद आ गईं : "विजेत्री च नः संहता कार्यशक्तिर्, विधायास्य धर्मस्य संरक्षणम्। परं वैभवं नेतुमेतत् स्वराष्ट्रं, समर्था भवत्वाशिषा ते भृशम्॥" इसका अर्थ है ; संगठन की एकता और विजय शक्ति को देश के धर्म की रक्षा करने और राष्ट्र को उसके सर्वोच्च गौरव तक पहुँचाने में सक्षम बनाया जाए। #RSS #ban #bharat #freedom #scrolllink
0 Commentarii 0 Distribuiri 179 Views 0 previzualizare