हाल में एक दिलचस्प पुस्तक पढ़ डाली- एक स्थानीय मित्र के रिकमेंडेशन पे। किताब का नाम है- इट्स ऑल अबाउट मुहम्मद । पैगंबर की जीवनी पे लिखी ये किताब बाक़ायदा रिफरेन्स के साथ लिखी है - एक एक पन्ना बेहद मजेदार है। यदि अंग्रेज़ी पुस्तक पढ़ने का शौक है तो अवश्य पढ़िये।

इस किताब में एक चैप्टर है जिसमें बताए है कि पैगंबर मदीना शहर में जब पहली दफा रहने गए तो इधर यहूद कबीले भी थे। पैगंबर के आगमन पे यहूदों ने उनका इस्तकेबल किया। उत्सुक थे- क्या उनकी पुस्तकों के अनुसार ये ही अगले मसीहा थे। शहर में कुछ ईसाई भी थे।

पैगंबर ने यहूदों को बताया कि वो ही असली पैगंबर है जिनकी उनको प्रतीक्षा है। यहूदों के धर्म गुरुओं ने उनसे धार्मिक चर्चा की, और फिर इंकार कर दिया। अब तक पैगंबर ने नियम बनाया था कि उनके अनुयायी यरुशलम की तरफ़ मुख कर इबादत करेंगे। किंतु यहूदों ने उनको अपना मानने से इंकार कर दिया।

पैगंबर ने ईसाइयों से कहा- यहूद तुम्हारे शत्रु है क्यूंकि इन्होंने ही यीशु को सूली पे टंगवाया था। यही नहीं- ईसाइयों से कहा- यीशु सूली पे कभी टंगे ही नहीं थे। असल यीशु तो पहले ही स्वर्ग चले गए थे और उनका प्रतिबिम्ब सूली पे चढ़ाया गया था। ईसाइयों ने भी उन्हें अपनाने से इंकार कर दिया।

पैगंबर यहूदों से बहुत ख़फ़ा थे।लिहाज़ा जब वो वापस मक्का फतह कर गए तो उन्होंने नया नियम बनाया- उनके अनुयायिओं की दाढ़ी और मूँछ यहूदों की तरह नहीं होगी। यहूदों की मूँछ घनी और तराशी हुई दाढ़ी होती है। नए नियम के अनुसार पैगंबर ने कहा- मेरे लोग पतली मूँछ या नो मूँछ रखेंगे और दाढ़ी को नहीं तराशेंगे!

नियम लागू हुआ और आज भी है!

ये अक्सर पूछे जाने वाला सवाल है- दाढ़ी मूँछ ऐसी क्यों है!

इसका उत्तर ये पुस्तक बखूबी देती है! पुस्तक पाँच सौ पन्नों से ऊपर की है- बढ़िया क्रम में लिखी है- एंड तक बाँधे रखती है!

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हाल में एक दिलचस्प पुस्तक पढ़ डाली- एक स्थानीय मित्र के रिकमेंडेशन पे। किताब का नाम है- इट्स ऑल अबाउट मुहम्मद । पैगंबर की जीवनी पे लिखी ये किताब बाक़ायदा रिफरेन्स के साथ लिखी है - एक एक पन्ना बेहद मजेदार है। यदि अंग्रेज़ी पुस्तक पढ़ने का शौक है तो अवश्य पढ़िये। इस किताब में एक चैप्टर है जिसमें बताए है कि पैगंबर मदीना शहर में जब पहली दफा रहने गए तो इधर यहूद कबीले भी थे। पैगंबर के आगमन पे यहूदों ने उनका इस्तकेबल किया। उत्सुक थे- क्या उनकी पुस्तकों के अनुसार ये ही अगले मसीहा थे। शहर में कुछ ईसाई भी थे। पैगंबर ने यहूदों को बताया कि वो ही असली पैगंबर है जिनकी उनको प्रतीक्षा है। यहूदों के धर्म गुरुओं ने उनसे धार्मिक चर्चा की, और फिर इंकार कर दिया। अब तक पैगंबर ने नियम बनाया था कि उनके अनुयायी यरुशलम की तरफ़ मुख कर इबादत करेंगे। किंतु यहूदों ने उनको अपना मानने से इंकार कर दिया। पैगंबर ने ईसाइयों से कहा- यहूद तुम्हारे शत्रु है क्यूंकि इन्होंने ही यीशु को सूली पे टंगवाया था। यही नहीं- ईसाइयों से कहा- यीशु सूली पे कभी टंगे ही नहीं थे। असल यीशु तो पहले ही स्वर्ग चले गए थे और उनका प्रतिबिम्ब सूली पे चढ़ाया गया था। ईसाइयों ने भी उन्हें अपनाने से इंकार कर दिया। पैगंबर यहूदों से बहुत ख़फ़ा थे।लिहाज़ा जब वो वापस मक्का फतह कर गए तो उन्होंने नया नियम बनाया- उनके अनुयायिओं की दाढ़ी और मूँछ यहूदों की तरह नहीं होगी। यहूदों की मूँछ घनी और तराशी हुई दाढ़ी होती है। नए नियम के अनुसार पैगंबर ने कहा- मेरे लोग पतली मूँछ या नो मूँछ रखेंगे और दाढ़ी को नहीं तराशेंगे! नियम लागू हुआ और आज भी है! ये अक्सर पूछे जाने वाला सवाल है- दाढ़ी मूँछ ऐसी क्यों है! इसका उत्तर ये पुस्तक बखूबी देती है! पुस्तक पाँच सौ पन्नों से ऊपर की है- बढ़िया क्रम में लिखी है- एंड तक बाँधे रखती है! #scrolllink #muhammad #muslims #paigambar #questions
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