सिद्ध धर्म में कुमारी वह छोटी कन्या होती है जिसका मासिक धर्म अभी तक शुरू नहीं हुआ हो, इसलिए उसे जीवित देवी माना जाता है। कुमारी में देवी यौगमाया का आवास माना जाता है और इसी कारण उसकी पूजा शक्ति की सबसे पवित्र उपासना के रूप में की जाती है। अधिकतर परंपराओं में कुमारी की उम्र १६ साल तक मानी जा सकती है, बशर्ते कि वह रजस्वला न हुई हो। जैसे ही लड़की का मासिक धर्म शुरू होता है, वह कुमारी की भूमिका छोड़ देती है और उसकी जगह किसी नई योग्य कन्या को यह दिव्य स्थिति दी जाती है। सिद्ध परंपरा के अनुसार, कुमारी पूजन की परंपरा प्राचीन कश्मीर से आरंभ हुई और आज भी यह जीवित है, जहाँ लोग मासूम बालिका में देवी के दिव्य रूप को देख कर उसकी पूजा करते हैं।

#Kumari #SiddhaDharma #KaulantakPeeth #YogMaya #KurukullaDevi
सिद्ध धर्म में कुमारी वह छोटी कन्या होती है जिसका मासिक धर्म अभी तक शुरू नहीं हुआ हो, इसलिए उसे जीवित देवी माना जाता है। कुमारी में देवी यौगमाया का आवास माना जाता है और इसी कारण उसकी पूजा शक्ति की सबसे पवित्र उपासना के रूप में की जाती है। अधिकतर परंपराओं में कुमारी की उम्र १६ साल तक मानी जा सकती है, बशर्ते कि वह रजस्वला न हुई हो। जैसे ही लड़की का मासिक धर्म शुरू होता है, वह कुमारी की भूमिका छोड़ देती है और उसकी जगह किसी नई योग्य कन्या को यह दिव्य स्थिति दी जाती है। सिद्ध परंपरा के अनुसार, कुमारी पूजन की परंपरा प्राचीन कश्मीर से आरंभ हुई और आज भी यह जीवित है, जहाँ लोग मासूम बालिका में देवी के दिव्य रूप को देख कर उसकी पूजा करते हैं। #Kumari #SiddhaDharma #KaulantakPeeth #YogMaya #KurukullaDevi
Love
Like
Wow
5
0 Σχόλια 0 Μοιράστηκε 499 Views 0 Προεπισκόπηση