• मस्जिद के कमरों में कामगारों को काम करते हुए मिली मूर्ति

    मध्य प्रदेश : सागर जिले के पापेट गांव में एक मस्जिद का पुनर्निर्माण कराया जा रहा था जहां मस्जिद के अंदर कार्य के दौरान कमरों में मिली भगवान की मूर्ति.

    जहां खुदा है वहीं मिला है

    #scrolllink #masjid #islam #jehadi #muslim #mulle #malechchh #BhagwanRam
    🚨 मस्जिद के कमरों में कामगारों को काम करते हुए मिली मूर्ति मध्य प्रदेश : सागर जिले के पापेट गांव में एक मस्जिद का पुनर्निर्माण कराया जा रहा था जहां मस्जिद के अंदर कार्य के दौरान कमरों में मिली भगवान की मूर्ति. जहां खुदा है वहीं मिला है 🙏 #scrolllink #masjid #islam #jehadi #muslim #mulle #malechchh #BhagwanRam
    Like
    2
    0 Σχόλια 0 Μοιράστηκε 600 Views 0 Προεπισκόπηση
  • दशहरा, जिसे विजयादशमी भी कहा जाता है, भारत के प्रमुख पर्वों में से एक है और यह हर वर्ष आश्विन मास की शुक्ल पक्ष की दशमी तिथि को मनाया जाता है। इस दिन भगवान श्रीराम ने अहंकारी रावण का वध करके धर्म और सत्य की विजय का संदेश दिया था। इसलिए इसे बुराई पर अच्छाई की जीत का प्रतीक माना जाता है। दशहरे का पर्व हमें यह सिखाता है कि चाहे असत्य और अन्याय कितना भी शक्तिशाली क्यों न लगे, अंततः पराजित होता है और धर्म व सद्गुण ही स्थायी रहते हैं। इस दिन लोग रावण, मेघनाद और कुंभकरण के पुतले जलाकर बुराइयों के अंत का संदेश देते हैं। यह केवल एक धार्मिक उत्सव ही नहीं बल्कि आत्मचिंतन का अवसर भी है, जब हम अपने भीतर के क्रोध, लोभ, अहंकार और ईर्ष्या जैसी नकारात्मक प्रवृत्तियों को पहचानकर उन्हें समाप्त करने का संकल्प लेते हैं। दशहरे का वास्तविक महत्व यही है कि हम अपने जीवन में मर्यादा, सदाचार, करुणा, साहस और सत्य जैसे गुणों को अपनाएँ और समाज में धर्म, न्याय तथा सद्भावना का प्रसार करें। इस प्रकार यह पर्व हमें हर वर्ष प्रेरित करता है कि जीवन के हर क्षेत्र में सत्य और सद्गुणों का साथ देकर विजय प्राप्त की जा सकती है।
    #dushehra #vijayadashmi #bhagwanram #ravana #festival #scrolllink
    दशहरा, जिसे विजयादशमी भी कहा जाता है, भारत के प्रमुख पर्वों में से एक है और यह हर वर्ष आश्विन मास की शुक्ल पक्ष की दशमी तिथि को मनाया जाता है। इस दिन भगवान श्रीराम ने अहंकारी रावण का वध करके धर्म और सत्य की विजय का संदेश दिया था। इसलिए इसे बुराई पर अच्छाई की जीत का प्रतीक माना जाता है। दशहरे का पर्व हमें यह सिखाता है कि चाहे असत्य और अन्याय कितना भी शक्तिशाली क्यों न लगे, अंततः पराजित होता है और धर्म व सद्गुण ही स्थायी रहते हैं। इस दिन लोग रावण, मेघनाद और कुंभकरण के पुतले जलाकर बुराइयों के अंत का संदेश देते हैं। यह केवल एक धार्मिक उत्सव ही नहीं बल्कि आत्मचिंतन का अवसर भी है, जब हम अपने भीतर के क्रोध, लोभ, अहंकार और ईर्ष्या जैसी नकारात्मक प्रवृत्तियों को पहचानकर उन्हें समाप्त करने का संकल्प लेते हैं। दशहरे का वास्तविक महत्व यही है कि हम अपने जीवन में मर्यादा, सदाचार, करुणा, साहस और सत्य जैसे गुणों को अपनाएँ और समाज में धर्म, न्याय तथा सद्भावना का प्रसार करें। इस प्रकार यह पर्व हमें हर वर्ष प्रेरित करता है कि जीवन के हर क्षेत्र में सत्य और सद्गुणों का साथ देकर विजय प्राप्त की जा सकती है। #dushehra #vijayadashmi #bhagwanram #ravana #festival #scrolllink
    Like
    wow
    2
    0 Σχόλια 0 Μοιράστηκε 756 Views 0 Προεπισκόπηση