• ये अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता नहीं उन्मुक्तता है . पुरुष में इतना बल नहीं की स्त्री को बाँध सके . नारी की लज्जा ईश्वर प्रदत्त सर्वश्रेष्ठ अनुपम उपहार है . पुरुष में अगर स्त्री के गुण आ जाते हैं तो वह देवता बन जाता है वहीँ इसके विपरीत यदि स्त्री में पुरुष के गुण आ जाते हैं तो वह अपने कुल ही नहीं समस्त समाज के लिये घातक बन जाती है और उसी क्षण उसकी अधोगति सुनिश्चित हो जाती है .

    #feminist #DipikaPadukon #antihindu #kultaAurat
    ये अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता नहीं उन्मुक्तता है . पुरुष में इतना बल नहीं की स्त्री को बाँध सके . नारी की लज्जा ईश्वर प्रदत्त सर्वश्रेष्ठ अनुपम उपहार है . पुरुष में अगर स्त्री के गुण आ जाते हैं तो वह देवता बन जाता है वहीँ इसके विपरीत यदि स्त्री में पुरुष के गुण आ जाते हैं तो वह अपने कुल ही नहीं समस्त समाज के लिये घातक बन जाती है और उसी क्षण उसकी अधोगति सुनिश्चित हो जाती है . #feminist #DipikaPadukon #antihindu #kultaAurat
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