• This film cue was recorded by the European Recording Orchestra in Sofia, Bulgaria, on July 20th, 2024.

    The animation is from "Говорящие руки Траванкора" ("The Talking Hands of Travancore"), a Soviet short film from 1981 directed by Vladimir Pekar. The film is about the origins of Kathakali, a Southern Indian classical dance form dedicated to telling stories from Hindu mythology.

    I would like to thank the Film Scoring Academy of Europe for their help in facilitating this recording.

    Conductor: Nikola Petrov
    Sound Engineer: Vladislav Boyadjiev
    Composer: Akshay S. Tiwari
    #Mahakali #Mahishasur #Soviet animation #russia #india
    This film cue was recorded by the European Recording Orchestra in Sofia, Bulgaria, on July 20th, 2024. The animation is from "Говорящие руки Траванкора" ("The Talking Hands of Travancore"), a Soviet short film from 1981 directed by Vladimir Pekar. The film is about the origins of Kathakali, a Southern Indian classical dance form dedicated to telling stories from Hindu mythology. I would like to thank the Film Scoring Academy of Europe for their help in facilitating this recording. Conductor: Nikola Petrov Sound Engineer: Vladislav Boyadjiev Composer: Akshay S. Tiwari #Mahakali #Mahishasur #Soviet animation #russia #india
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  • रावण का जलता हुआ रूप इस सत्य का प्रतीक है कि जब मनुष्य अपने अहंकार और पाप में डूब जाता है, तो उसका परिणाम विनाश ही होता है। वैभव, शक्ति और ज्ञान सब व्यर्थ हो जाते हैं यदि वे धर्म और सत्य से विपरीत दिशा में चलें। अंततः अहंकार अपनी ही ज्वाला में भस्म हो जाता है, और वही अग्नि उसके पतन का कारण बनती है। यह हमें सिखाता है कि केवल धर्म, विनम्रता और सत्य ही जीवन को प्रकाश और अमरत्व की ओर ले जाते हैं।

    #Ravan #Ego #Ahankara #SiddhaDharma #Ram
    रावण का जलता हुआ रूप इस सत्य का प्रतीक है कि जब मनुष्य अपने अहंकार और पाप में डूब जाता है, तो उसका परिणाम विनाश ही होता है। वैभव, शक्ति और ज्ञान सब व्यर्थ हो जाते हैं यदि वे धर्म और सत्य से विपरीत दिशा में चलें। अंततः अहंकार अपनी ही ज्वाला में भस्म हो जाता है, और वही अग्नि उसके पतन का कारण बनती है। यह हमें सिखाता है कि केवल धर्म, विनम्रता और सत्य ही जीवन को प्रकाश और अमरत्व की ओर ले जाते हैं। #Ravan #Ego #Ahankara #SiddhaDharma #Ram
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  • सिद्ध धर्म के अनुसार, Dussehra और राम-रावण की कथा हमें अधर्म पर धर्म की विजय का संदेश देती है। राम का रावण पर विजय पाना केवल बाहरी युद्ध नहीं था, बल्कि यह आत्मिक बुराइयों, अहंकार और अज्ञानता पर जीत का प्रतीक है। सिद्ध धर्म में कहा गया है कि हर जीव में दिव्य शक्ति विद्यमान है, और सही साधना, अनुशासन और गुरु के मार्गदर्शन से हम अपने भीतर की रावण—अर्थात् लालच, क्रोध, अहंकार—को हराकर सत्य, धर्म और आत्म-साक्षात्कार की ओर बढ़ सकते हैं। इसलिए दशहरा सिर्फ़ बुराई पर अच्छाई की जीत का त्यौहार नहीं, बल्कि साधक के जीवन में आंतरिक विजय का प्रतीक भी है|

    #SiddhaDharma #Dussehra #KaulantakPeeth #Durga #BhagwatiKurukulla #RamRavan


    सिद्ध धर्म के अनुसार, Dussehra और राम-रावण की कथा हमें अधर्म पर धर्म की विजय का संदेश देती है। राम का रावण पर विजय पाना केवल बाहरी युद्ध नहीं था, बल्कि यह आत्मिक बुराइयों, अहंकार और अज्ञानता पर जीत का प्रतीक है। सिद्ध धर्म में कहा गया है कि हर जीव में दिव्य शक्ति विद्यमान है, और सही साधना, अनुशासन और गुरु के मार्गदर्शन से हम अपने भीतर की रावण—अर्थात् लालच, क्रोध, अहंकार—को हराकर सत्य, धर्म और आत्म-साक्षात्कार की ओर बढ़ सकते हैं। इसलिए दशहरा सिर्फ़ बुराई पर अच्छाई की जीत का त्यौहार नहीं, बल्कि साधक के जीवन में आंतरिक विजय का प्रतीक भी है| #SiddhaDharma #Dussehra #KaulantakPeeth #Durga #BhagwatiKurukulla #RamRavan
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  • दशहरा, जिसे विजयादशमी भी कहा जाता है, भारत के प्रमुख पर्वों में से एक है और यह हर वर्ष आश्विन मास की शुक्ल पक्ष की दशमी तिथि को मनाया जाता है। इस दिन भगवान श्रीराम ने अहंकारी रावण का वध करके धर्म और सत्य की विजय का संदेश दिया था। इसलिए इसे बुराई पर अच्छाई की जीत का प्रतीक माना जाता है। दशहरे का पर्व हमें यह सिखाता है कि चाहे असत्य और अन्याय कितना भी शक्तिशाली क्यों न लगे, अंततः पराजित होता है और धर्म व सद्गुण ही स्थायी रहते हैं। इस दिन लोग रावण, मेघनाद और कुंभकरण के पुतले जलाकर बुराइयों के अंत का संदेश देते हैं। यह केवल एक धार्मिक उत्सव ही नहीं बल्कि आत्मचिंतन का अवसर भी है, जब हम अपने भीतर के क्रोध, लोभ, अहंकार और ईर्ष्या जैसी नकारात्मक प्रवृत्तियों को पहचानकर उन्हें समाप्त करने का संकल्प लेते हैं। दशहरे का वास्तविक महत्व यही है कि हम अपने जीवन में मर्यादा, सदाचार, करुणा, साहस और सत्य जैसे गुणों को अपनाएँ और समाज में धर्म, न्याय तथा सद्भावना का प्रसार करें। इस प्रकार यह पर्व हमें हर वर्ष प्रेरित करता है कि जीवन के हर क्षेत्र में सत्य और सद्गुणों का साथ देकर विजय प्राप्त की जा सकती है।
    #dushehra #vijayadashmi #bhagwanram #ravana #festival #scrolllink
    दशहरा, जिसे विजयादशमी भी कहा जाता है, भारत के प्रमुख पर्वों में से एक है और यह हर वर्ष आश्विन मास की शुक्ल पक्ष की दशमी तिथि को मनाया जाता है। इस दिन भगवान श्रीराम ने अहंकारी रावण का वध करके धर्म और सत्य की विजय का संदेश दिया था। इसलिए इसे बुराई पर अच्छाई की जीत का प्रतीक माना जाता है। दशहरे का पर्व हमें यह सिखाता है कि चाहे असत्य और अन्याय कितना भी शक्तिशाली क्यों न लगे, अंततः पराजित होता है और धर्म व सद्गुण ही स्थायी रहते हैं। इस दिन लोग रावण, मेघनाद और कुंभकरण के पुतले जलाकर बुराइयों के अंत का संदेश देते हैं। यह केवल एक धार्मिक उत्सव ही नहीं बल्कि आत्मचिंतन का अवसर भी है, जब हम अपने भीतर के क्रोध, लोभ, अहंकार और ईर्ष्या जैसी नकारात्मक प्रवृत्तियों को पहचानकर उन्हें समाप्त करने का संकल्प लेते हैं। दशहरे का वास्तविक महत्व यही है कि हम अपने जीवन में मर्यादा, सदाचार, करुणा, साहस और सत्य जैसे गुणों को अपनाएँ और समाज में धर्म, न्याय तथा सद्भावना का प्रसार करें। इस प्रकार यह पर्व हमें हर वर्ष प्रेरित करता है कि जीवन के हर क्षेत्र में सत्य और सद्गुणों का साथ देकर विजय प्राप्त की जा सकती है। #dushehra #vijayadashmi #bhagwanram #ravana #festival #scrolllink
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