• If you thought that was enough, see this

    #scstAct #scrolllink #news
    If you thought that was enough, see this👇 #scstAct #scrolllink #news
    Like
    Angry
    2
    0 Commentarii 1 Distribuiri 21 Views 0 previzualizare
  • एडवोकेट अनिल मिश्रा का यह बयान आज की तथाकथित विचारधारा पर सीधा प्रहार है। उन्होंने कहा — “मूर्ति के विरोधी की मूर्ति का विरोध करना गलत कैसे हो गया? पंडित हूँ, किसी से नहीं डरता हूँ। गलत का विरोध करने की इजाजत हमें संविधान देता है।”
    यह वक्तव्य उस समाज पर सवाल उठाता है जो खुद को "मूर्तिपूजक विरोधी" बताता है लेकिन अपने विचारधारा के प्रतीकों की मूर्तियाँ स्थापित करता है। अगर किसी व्यक्ति को किसी विचार या मूर्ति का विरोध करने का अधिकार नहीं होगा, तो अभिव्यक्ति की आज़ादी का क्या अर्थ रह जाएगा?
    अनिल मिश्रा का यह कहना न केवल साहस का प्रतीक है बल्कि यह भी दर्शाता है कि विरोध करना अपराध नहीं, बल्कि लोकतंत्र की पहचान है। संविधान हर नागरिक को गलत के खिलाफ आवाज उठाने का अधिकार देता है — और यही असली संविधान की आत्मा है।

    #sambidhan #scstAct #Bheemate #neelchatte #neelaand
    एडवोकेट अनिल मिश्रा का यह बयान आज की तथाकथित विचारधारा पर सीधा प्रहार है। उन्होंने कहा — “मूर्ति के विरोधी की मूर्ति का विरोध करना गलत कैसे हो गया? पंडित हूँ, किसी से नहीं डरता हूँ। गलत का विरोध करने की इजाजत हमें संविधान देता है।” यह वक्तव्य उस समाज पर सवाल उठाता है जो खुद को "मूर्तिपूजक विरोधी" बताता है लेकिन अपने विचारधारा के प्रतीकों की मूर्तियाँ स्थापित करता है। अगर किसी व्यक्ति को किसी विचार या मूर्ति का विरोध करने का अधिकार नहीं होगा, तो अभिव्यक्ति की आज़ादी का क्या अर्थ रह जाएगा? अनिल मिश्रा का यह कहना न केवल साहस का प्रतीक है बल्कि यह भी दर्शाता है कि विरोध करना अपराध नहीं, बल्कि लोकतंत्र की पहचान है। संविधान हर नागरिक को गलत के खिलाफ आवाज उठाने का अधिकार देता है — और यही असली संविधान की आत्मा है। #sambidhan #scstAct #Bheemate #neelchatte #neelaand
    Like
    2
    0 Commentarii 0 Distribuiri 230 Views 0 previzualizare