• अगर हमें आज भी इस तरह के साईन बोर्ड की जरूरत पड़ रही है तो इससे बेहतर सिंधु घाटी की सभ्यता थी।
    इसके लिए वे लोग जिम्मेदार हैं, जिनके हाजमे की गाड़ी बीड़ी के धुएं के बिना स्टार्ट नहीं होती। ऐसी नसीहतों की ऐसी-तैसी। बीड़ी का टोटा टॉयलेट में फेंकेंगे। बचे हुए खाने के लिए गीला कूड़ा लिखे कूड़ेदान रखे हैं। पर उससे हमें क्या? इसे वाश बेसिन में डालेंगे।

    #scrolllink #bidi #toilet #india
    अगर हमें आज भी इस तरह के साईन बोर्ड की जरूरत पड़ रही है तो इससे बेहतर सिंधु घाटी की सभ्यता थी। इसके लिए वे लोग जिम्मेदार हैं, जिनके हाजमे की गाड़ी बीड़ी के धुएं के बिना स्टार्ट नहीं होती। ऐसी नसीहतों की ऐसी-तैसी। बीड़ी का टोटा टॉयलेट में फेंकेंगे। बचे हुए खाने के लिए गीला कूड़ा लिखे कूड़ेदान रखे हैं। पर उससे हमें क्या? इसे वाश बेसिन में डालेंगे। #scrolllink #bidi #toilet #india
    0 Yorumlar 0 hisse senetleri 20 Views 0 önizleme