• The construction work of the ‘Siddha Mahavidya Peeth’ temple located in Assam is currently in progress. Preparations are underway to complete the construction of the temple roof. The ground inside the temple has been cemented. The temple’s Kalash (sacred pinnacle) has also arrived. The roof work will be completed very soon. This temple is dedicated to the great Siddha ‘Kali Mathi Nath’. This place also contains the power of the Kamakhya lineage tantras and the knowledge of the Mahavidyas, which will soon be accessible to the Bhairav–Bhairavi practitioners at this very location.

    #SiddhaMahavidyaPeeth #Assam #kaulantakPeeth #temple #Mandir #OldTemple
    Love
    Like
    3
    0 Commentarii 0 Distribuiri 67 Views 0 previzualizare
  • धधक रही है ज्वाला
    हाथों में ले कर भाला
    चहुँ ओर कलियुग काला
    ईशपुत्र भैरव तू जाग
    चीर अँधेरा कर उजियाला!
    धधक रही है ज्वाला
    धधक रही है ज्वाला

    रण के हाथी घोड़े छोड़
    विकृत हृदय के बंध तोड़
    मानव को झकझोर
    मचा धर्म का शोर
    हाहाकारी भैरव जाग
    कुचल विधर्मी नाग
    षड़यंत्रों को तोड़
    मृत्यु भय को छोड़
    किसी से न डर
    युद्ध कर युद्ध कर
    दबोच कलियुग काला
    धधक रही है ज्वाला
    हाथों में ले कर भाला
    चहुँ ओर कलियुग काला
    ईशपुत्र भैरव तू जाग
    चीर अँधेरा कर उजियाला!
    धधक रही है ज्वाला
    धधक रही है ज्वाला
    -Yogini R Nath

    #Ishaputra #MahasiddhaIshaputra #MahayogiSatyendraNath #IshaputraBhajan #HimalayanMahasiddha #SiddhaDharma #KulantNath #KaulantakNath #iloveishaputra #scrolllink
    धधक रही है ज्वाला हाथों में ले कर भाला चहुँ ओर कलियुग काला ईशपुत्र भैरव तू जाग चीर अँधेरा कर उजियाला! धधक रही है ज्वाला धधक रही है ज्वाला रण के हाथी घोड़े छोड़ विकृत हृदय के बंध तोड़ मानव को झकझोर मचा धर्म का शोर हाहाकारी भैरव जाग कुचल विधर्मी नाग षड़यंत्रों को तोड़ मृत्यु भय को छोड़ किसी से न डर युद्ध कर युद्ध कर दबोच कलियुग काला धधक रही है ज्वाला हाथों में ले कर भाला चहुँ ओर कलियुग काला ईशपुत्र भैरव तू जाग चीर अँधेरा कर उजियाला! धधक रही है ज्वाला धधक रही है ज्वाला -Yogini R Nath #Ishaputra #MahasiddhaIshaputra #MahayogiSatyendraNath #IshaputraBhajan #HimalayanMahasiddha #SiddhaDharma #KulantNath #KaulantakNath #iloveishaputra #scrolllink
    Love
    Yay
    Like
    wow
    8
    3 Commentarii 2 Distribuiri 993 Views 0 previzualizare
  • Pink Flower of the day
    Pink Flower of the day 🌸
    Love
    Like
    3
    0 Commentarii 0 Distribuiri 70 Views 0 previzualizare
  • नाद एव ध्यानस्य परमं साधनम् ।
    नाद एव ध्यानस्य परमं साधनम् ।
    Love
    2
    1 Commentarii 0 Distribuiri 116 Views 0 previzualizare
  • Like
    Love
    4
    1 Commentarii 0 Distribuiri 71 Views 0 previzualizare
  • Like
    Love
    5
    1 Commentarii 0 Distribuiri 72 Views 0 previzualizare
  • ॥ अथ श्री कौलान्तक नाथ स्तुतिः ॥

    नित्यं सिद्धेश्वरं, महारहस्यकारणं, योगिजन वंदितं । प्रचण्डचंडरुपिणं शिवांशरूपं प्रणम्यं सदैवं ॥

    त्वं विराटातिविराटं, त्वं कौतुकानन्द स्वरूपं । रागलयादिकरणं, शिवांशरूपं प्रणम्यं सदैवं ॥

    ईशपुत्रोत्वं. परिपूर्णरूपं, सकल अवतारादि वंदितं ।

    शिखरपुरुषोनमस्तुभ्यं, शिवांशरूपं प्रणम्यं सदैवं ॥


    अघोरेश्वरं, ब्रह्माण्डरूपं, पापादि बंध मोचनं । सर्वकलाधारिणे, शिवांशरूपं प्रणम्यं सदैवं ॥

    महाहिमालयेश्वरं, आनन्द रासादिकारणं । भक्तानन्द प्रदायकं, शिवांशरूपं प्रणम्यं सदैवं ॥

    सर्वदा सर्वकुलनायकं, सर्व सिद्धिप्रदायकं । अक्षरपुरुष, शिवांशरूपं प्रणम्यं सदैवं ॥

    अप्सरादिवंदितं, भैरवीकुलनायकं । ममप्रेमकरणं, शिवांशरूपं प्रणम्यं सदैवं ।

    ॥ इति श्री महाभैरवी मृगाक्षी कृत श्री कौलान्तक नाथ महास्तुतिः सम्पूर्ण ॥
    ॥ अथ श्री कौलान्तक नाथ स्तुतिः ॥ नित्यं सिद्धेश्वरं, महारहस्यकारणं, योगिजन वंदितं । प्रचण्डचंडरुपिणं शिवांशरूपं प्रणम्यं सदैवं ॥ त्वं विराटातिविराटं, त्वं कौतुकानन्द स्वरूपं । रागलयादिकरणं, शिवांशरूपं प्रणम्यं सदैवं ॥ ईशपुत्रोत्वं. परिपूर्णरूपं, सकल अवतारादि वंदितं । शिखरपुरुषोनमस्तुभ्यं, शिवांशरूपं प्रणम्यं सदैवं ॥ अघोरेश्वरं, ब्रह्माण्डरूपं, पापादि बंध मोचनं । सर्वकलाधारिणे, शिवांशरूपं प्रणम्यं सदैवं ॥ महाहिमालयेश्वरं, आनन्द रासादिकारणं । भक्तानन्द प्रदायकं, शिवांशरूपं प्रणम्यं सदैवं ॥ सर्वदा सर्वकुलनायकं, सर्व सिद्धिप्रदायकं । अक्षरपुरुष, शिवांशरूपं प्रणम्यं सदैवं ॥ अप्सरादिवंदितं, भैरवीकुलनायकं । ममप्रेमकरणं, शिवांशरूपं प्रणम्यं सदैवं । ॥ इति श्री महाभैरवी मृगाक्षी कृत श्री कौलान्तक नाथ महास्तुतिः सम्पूर्ण ॥
    Love
    Yay
    4
    2 Commentarii 2 Distribuiri 393 Views 0 previzualizare
  • Like
    Haha
    2
    0 Commentarii 0 Distribuiri 217 Views 0 previzualizare
  • ॥ अथ श्री कौलान्तक नाथ स्तुतिः ॥

    नित्यं सिद्धेश्वरं, महारहस्यकारणं, योगिजन वंदितं । प्रचण्डचंडरुपिणं शिवांशरूपं प्रणम्यं सदैवं ॥

    त्वं विराटातिविराटं, त्वं कौतुकानन्द स्वरूपं । रागलयादिकरणं, शिवांशरूपं प्रणम्यं सदैवं ॥

    ईशपुत्रोत्वं. परिपूर्णरूपं, सकल अवतारादि वंदितं ।

    शिखरपुरुषोनमस्तुभ्यं, शिवांशरूपं प्रणम्यं सदैवं ॥


    अघोरेश्वरं, ब्रह्माण्डरूपं, पापादि बंध मोचनं । सर्वकलाधारिणे, शिवांशरूपं प्रणम्यं सदैवं ॥

    महाहिमालयेश्वरं, आनन्द रासादिकारणं । भक्तानन्द प्रदायकं, शिवांशरूपं प्रणम्यं सदैवं ॥

    सर्वदा सर्वकुलनायकं, सर्व सिद्धिप्रदायकं । अक्षरपुरुष, शिवांशरूपं प्रणम्यं सदैवं ॥

    अप्सरादिवंदितं, भैरवीकुलनायकं । ममप्रेमकरणं, शिवांशरूपं प्रणम्यं सदैवं ।

    ॥ इति श्री महाभैरवी मृगाक्षी कृत श्री कौलान्तक नाथ महास्तुतिः सम्पूर्ण ॥
    Love
    3
    0 Commentarii 0 Distribuiri 61 Views 0 previzualizare
  • Every storm has two purposes

    #nostalgia #scrolllink
    Every storm has two purposes #nostalgia #scrolllink
    Like
    1
    0 Commentarii 0 Distribuiri 364 Views 0 previzualizare