• Chandraghanta Devi is the third form of Goddess Durga, worshipped on the third day of Navratri. She is known for the half-moon shaped like a bell (ghanta) adorning her forehead, which gives her the name Chandraghanta. Radiant with golden complexion and riding a lion, she symbolizes both grace and bravery. With ten arms carrying various weapons and a lotus, she represents strength, protection, and serenity at once. Devotees believe that worshipping Chandraghanta Devi removes fears, grants courage, and fills life with peace and prosperity. She embodies the balance of calm devotion and fierce protection, teaching that true strength lies in harmony.’ -Life Unfold

    #durga #chandraghanta #kurukulla #Devi #navratra #scrolllink
    Chandraghanta Devi is the third form of Goddess Durga, worshipped on the third day of Navratri. She is known for the half-moon shaped like a bell (ghanta) adorning her forehead, which gives her the name Chandraghanta. Radiant with golden complexion and riding a lion, she symbolizes both grace and bravery. With ten arms carrying various weapons and a lotus, she represents strength, protection, and serenity at once. Devotees believe that worshipping Chandraghanta Devi removes fears, grants courage, and fills life with peace and prosperity. She embodies the balance of calm devotion and fierce protection, teaching that true strength lies in harmony.’ -Life Unfold #durga #chandraghanta #kurukulla #Devi #navratra #scrolllink
    Love
    Like
    3
    0 Комментарии 0 Поделились 1Кб Просмотры 0 предпросмотр
  • Like
    Love
    4
    0 Комментарии 0 Поделились 419 Просмотры 0 предпросмотр
  • https://youtu.be/BWARsVKaTAo?si=BZ50gQkQbgKBMgow #Ishaputra #KaulantakPeeth
    https://youtu.be/BWARsVKaTAo?si=BZ50gQkQbgKBMgow #Ishaputra #KaulantakPeeth
    Love
    1
    0 Комментарии 1 Поделились 880 Просмотры 0 предпросмотр
  • Like
    1
    0 Комментарии 0 Поделились 269 Просмотры 0 предпросмотр
  • समस्त भूत-प्रेत, ऊपरी बाधाओं की रोक, नकारात्मक शक्ति की रोक, समस्यायों के निवारण, कृत्या परिहार, ग्रह बाधा निवारण सहित देवी की परम कृपा हेतु आरती श्रवण व गायन श्रेष्ठ उपाय है। आपके जीवन में मंगल हो, दिव्य प्रकाश हो और देवी की परम अनुपम कृपा हो इसी इच्छा के साथ, आपकी सेवा में अर्पित है ये आरती कौलान्तक पीठ टीम- हिमालय ।
    तू कौलाचारिणी तू समयाचारिणी,
    तू कौलाचारिणी तू समयाचारिणी।
    जय जय रासरते, जय जय रासरते। 03
    तू तारा तू तोतला कुल्ला कुरुकुल्ला, तू तारा तू तोतला कुल्ला कुरुकुल्ला।

    तंत्र मंत्र है सारे तुझसे,
    तंत्र मंत्र है सारे तुझसे।
    योग जप तप सिद्धि और भक्ति,
    योग जप तप सिद्धि और भक्ति।
    भोग मोक्ष है सूत्र तेरे,
    भोग मोक्ष है सूत्र तेरे ।
    तू ही आदिशक्ति !

    तू कौलाचारिणी तू समयाचारिणी,
    तू कौलाचारिणी तू समयाचारिणी।
    जय जय रासरते, जय जय रासरते। 02
    तू तारा तू तोतला कुल्ला कुरुकुल्ला, तू तारा तू तोतला कुल्ला कुरुकुल्ला।

    वेद पुराण है बालक तेरे,
    वेद पुराण है बालक तेरे।
    सहस्त्रभुजा देवी कुरुकुल्ला,
    सहस्त्रभुजा देवी कुरुकुल्ला।
    रक्त वर्ण तेरा पीत वर्ण है,
    रक्त वर्ण तेरा पीत वर्ण है।
    माया रूप विकुल्ला!

    तू कौलाचारिणी तू समयाचारिणी,
    तू कौलाचारिणी तू समयाचारिणी।
    जय जय रासरते, जय जय रासरते। 02
    तू तारा तू तोतला कुल्ला कुरुकुल्ला, तू तारा तू तोतला कुल्ला कुरुकुल्ला।

    आगम निगम प्रदात्री तू ही,
    आगम निगम प्रदात्री तू ही।
    शिव संग रास रचाती,
    शिव संग रास रचाती।
    परम तंत्र स्वतंत्र तू ही,
    परम तंत्र स्वतंत्र तू ही।
    वर अभिष्टदात्री !

    तू कौलाचारिणी तू समयाचारिणी,
    तू कौलाचारिणी तू समयाचारिणी,
    जय जय रासरते जय जय रासरते।
    तू कौलाचारिणी तू समयाचारिणी,
    तू कौलाचारिणी तू समयाचारिणी,
    जय जय रासरते जय जय रासरते।
    #Ishaputra #Kurukulla #Sukulla #Vikulla #KaulantakPeeth #KaulantakVani
    समस्त भूत-प्रेत, ऊपरी बाधाओं की रोक, नकारात्मक शक्ति की रोक, समस्यायों के निवारण, कृत्या परिहार, ग्रह बाधा निवारण सहित देवी की परम कृपा हेतु आरती श्रवण व गायन श्रेष्ठ उपाय है। आपके जीवन में मंगल हो, दिव्य प्रकाश हो और देवी की परम अनुपम कृपा हो इसी इच्छा के साथ, आपकी सेवा में अर्पित है ये आरती कौलान्तक पीठ टीम- हिमालय । तू कौलाचारिणी तू समयाचारिणी, तू कौलाचारिणी तू समयाचारिणी। जय जय रासरते, जय जय रासरते। 03 तू तारा तू तोतला कुल्ला कुरुकुल्ला, तू तारा तू तोतला कुल्ला कुरुकुल्ला। तंत्र मंत्र है सारे तुझसे, तंत्र मंत्र है सारे तुझसे। योग जप तप सिद्धि और भक्ति, योग जप तप सिद्धि और भक्ति। भोग मोक्ष है सूत्र तेरे, भोग मोक्ष है सूत्र तेरे । तू ही आदिशक्ति ! तू कौलाचारिणी तू समयाचारिणी, तू कौलाचारिणी तू समयाचारिणी। जय जय रासरते, जय जय रासरते। 02 तू तारा तू तोतला कुल्ला कुरुकुल्ला, तू तारा तू तोतला कुल्ला कुरुकुल्ला। वेद पुराण है बालक तेरे, वेद पुराण है बालक तेरे। सहस्त्रभुजा देवी कुरुकुल्ला, सहस्त्रभुजा देवी कुरुकुल्ला। रक्त वर्ण तेरा पीत वर्ण है, रक्त वर्ण तेरा पीत वर्ण है। माया रूप विकुल्ला! तू कौलाचारिणी तू समयाचारिणी, तू कौलाचारिणी तू समयाचारिणी। जय जय रासरते, जय जय रासरते। 02 तू तारा तू तोतला कुल्ला कुरुकुल्ला, तू तारा तू तोतला कुल्ला कुरुकुल्ला। आगम निगम प्रदात्री तू ही, आगम निगम प्रदात्री तू ही। शिव संग रास रचाती, शिव संग रास रचाती। परम तंत्र स्वतंत्र तू ही, परम तंत्र स्वतंत्र तू ही। वर अभिष्टदात्री ! तू कौलाचारिणी तू समयाचारिणी, तू कौलाचारिणी तू समयाचारिणी, जय जय रासरते जय जय रासरते। तू कौलाचारिणी तू समयाचारिणी, तू कौलाचारिणी तू समयाचारिणी, जय जय रासरते जय जय रासरते। #Ishaputra #Kurukulla #Sukulla #Vikulla #KaulantakPeeth #KaulantakVani
    wow
    1
    0 Комментарии 0 Поделились 1Кб Просмотры 0 предпросмотр
  • माँ चंद्रघंटा देवी नवदुर्गा के तीसरे स्वरूप के रूप में पूजी जाती हैं और नवरात्रि के तीसरे दिन इनकी आराधना की जाती है। वे अपने दिव्य तेज और निर्भीक स्वरूप के लिए जानी जाती हैं, जो शौर्य, सौम्यता और संरक्षण का प्रतीक है। "चंद्रघंटा" नाम उनके मस्तक पर स्थित अर्धचंद्र से लिया गया है, जो घंटे के समान प्रतीत होता है। माँ का वाहन सिंह अथवा बाघ है, और वे दस भुजाओं में विभिन्न अस्त्र-शस्त्र एवं शक्ति के प्रतीक धारण किए हुए दिखाई देती हैं, जिससे वे दुष्टों का नाश करती हैं और भक्तों की रक्षा करती हैं। यह माना जाता है कि माँ चंद्रघंटा की उपासना से भक्तों को साहस, शांति और समृद्धि प्राप्त होती है, साथ ही भय, बाधाएँ और नकारात्मक शक्तियाँ दूर होती हैं। उनकी पूजा हमें धर्म के मार्ग पर अडिग रहकर निर्भीक और अनुशासित जीवन जीने की प्रेरणा देती है।

    #chandraghanta #navratri #durgapuja #kurukulla #ishaputra #Mahamaya #durga
    माँ चंद्रघंटा देवी नवदुर्गा के तीसरे स्वरूप के रूप में पूजी जाती हैं और नवरात्रि के तीसरे दिन इनकी आराधना की जाती है। वे अपने दिव्य तेज और निर्भीक स्वरूप के लिए जानी जाती हैं, जो शौर्य, सौम्यता और संरक्षण का प्रतीक है। "चंद्रघंटा" नाम उनके मस्तक पर स्थित अर्धचंद्र से लिया गया है, जो घंटे के समान प्रतीत होता है। माँ का वाहन सिंह अथवा बाघ है, और वे दस भुजाओं में विभिन्न अस्त्र-शस्त्र एवं शक्ति के प्रतीक धारण किए हुए दिखाई देती हैं, जिससे वे दुष्टों का नाश करती हैं और भक्तों की रक्षा करती हैं। यह माना जाता है कि माँ चंद्रघंटा की उपासना से भक्तों को साहस, शांति और समृद्धि प्राप्त होती है, साथ ही भय, बाधाएँ और नकारात्मक शक्तियाँ दूर होती हैं। उनकी पूजा हमें धर्म के मार्ग पर अडिग रहकर निर्भीक और अनुशासित जीवन जीने की प्रेरणा देती है। #chandraghanta #navratri #durgapuja #kurukulla #ishaputra #Mahamaya #durga
    Love
    4
    0 Комментарии 0 Поделились 2Кб Просмотры 0 предпросмотр
  • संभल साम्रज्य दिवस (कुरुकुल्ला भगवती प्राकट्योत्सव) में होने वाले भैरव नृत्य की भी आज से तैयारियां शुरू हो चकी हैं। आज भैरव-भैरवी गणों के अभ्यास का तीसरा दिन है। भैरव नृत्य अभ्यास की कुछ तस्वीरें आपके सामने हम प्रस्तुत करते हैं।

    #SambhalaSamrajyaDivas #KurukullaPraktyotsva #ishaputra #Bhairavas #Utasva #LivePics
    संभल साम्रज्य दिवस (कुरुकुल्ला भगवती प्राकट्योत्सव) में होने वाले भैरव नृत्य की भी आज से तैयारियां शुरू हो चकी हैं। आज भैरव-भैरवी गणों के अभ्यास का तीसरा दिन है। भैरव नृत्य अभ्यास की कुछ तस्वीरें आपके सामने हम प्रस्तुत करते हैं। #SambhalaSamrajyaDivas #KurukullaPraktyotsva #ishaputra #Bhairavas #Utasva #LivePics
    Love
    Like
    6
    0 Комментарии 1 Поделились 2Кб Просмотры 0 предпросмотр
  • #Ishaputra #MasterofMasters #Kalki #Avatar
    #Ishaputra #MasterofMasters #Kalki #Avatar
    Like
    Love
    3
    0 Комментарии 0 Поделились 874 Просмотры 0 предпросмотр
  • Like
    Love
    2
    0 Комментарии 0 Поделились 591 Просмотры 0 предпросмотр
  • Kushmanda Devi is the fourth form of Goddess Durga, worshipped on the fourth day of Navratri. She is regarded as the creator of the universe, as it is believed that she formed the cosmic egg with her divine smile. Radiant and full of energy, her form glows with brilliance, symbolizing light and vitality. Known as Ashtabhuja Devi, she possesses eight arms holding a lotus, discus, mace, bow, arrow, nectar-filled pot, rosary, and a water vessel, and she rides a lion. Devotees believe that worshipping Kushmanda Devi blesses them with health, strength, longevity, and prosperity, while removing ignorance and darkness from life.’ -Life Unfold

    #kushmandaDevi #navdurga #navratri #scrolllink #kurukulla
    Kushmanda Devi is the fourth form of Goddess Durga, worshipped on the fourth day of Navratri. She is regarded as the creator of the universe, as it is believed that she formed the cosmic egg with her divine smile. Radiant and full of energy, her form glows with brilliance, symbolizing light and vitality. Known as Ashtabhuja Devi, she possesses eight arms holding a lotus, discus, mace, bow, arrow, nectar-filled pot, rosary, and a water vessel, and she rides a lion. Devotees believe that worshipping Kushmanda Devi blesses them with health, strength, longevity, and prosperity, while removing ignorance and darkness from life.’ -Life Unfold #kushmandaDevi #navdurga #navratri #scrolllink #kurukulla
    Like
    Love
    2
    0 Комментарии 0 Поделились 2Кб Просмотры 0 предпросмотр